"रीडिंग हैबिट: हर दिन सिर्फ 30 मिनट, आपकी सोच और सफलता का राज़" आज की दुनिया में सब कुछ बहुत तेज़ी से बदल रहा है। मोबाइल, इंटरनेट और सोशल मीडिया के बीच हम दिनभर व्यस्त रहते हैं। लेकिन इस भागती ज़िंदगी में अगर कोई चीज़ हमें रुककर सोचने, समझने और खुद को बेहतर बनाने का मौका देती है, तो वह है – रीडिंग यानी पढ़ने की आदत। किताबें न केवल हमारी जानकारी बढ़ाती हैं, बल्कि वे हमारे व्यक्तित्व को भी गहराई देती हैं। एक अच्छा रीडर बेहतर सोचता है, ज्यादा समझदारी से फैसले लेता है, और हर क्षेत्र में खुद को ज्यादा स्पष्टता के साथ प्रस्तुत कर सकता है। > यह भी पढ़ें: 21 दिन का Growth Challenge: साधारण से श्रेष्ठ बनने की व्यावहारिक योजना 1. **रीडिंग हैबिट क्यों ज़रूरी है?** आज की दुनिया में सब कुछ बहुत तेज़ी से बदल रहा है। मोबाइल, इंटरनेट और सोशल मीडिया के बीच हम दिनभर व्यस्त रहते हैं। लेकिन इस भागती ज़िंदगी में अगर कोई चीज़ हमें रुककर सोचने, समझने और खुद को बेहतर बनाने का मौका देती है, तो वह है – रीडिंग यानी पढ़ने की आदत। किताबें न केवल हमारी जानकारी बढ़ाती हैं, बल्कि वे हमारे व्यक्तित...
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विद्यार्थियों को यह बार-बार पढ़ना चाहिए ताकि इसके मुख्य बिंदु उन्हें याद हो जाए